यह कोशिकाओं की रक्षा करके शरीर को हृदय रोग या कैंसर और मनोभ्रंश आदि जैसी कई बीमारियों से बचाता है।

विटामिन ई

विटामिन ई इम्यून सिस्टम के कामकाज में भी अहम भूमिका निभाता है। यह कोशिकाओं को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।

यह हार्मोन रक्त तनाव और मांसपेशियों के संकुचन जैसी कई शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने के लिए उत्तरदायी है।

विटामिन ई प्रोस्टाग्लैंडीन नामक हार्मोन के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है विटामिन ई ट्रेन के बाद मांसपेशियों के ऊतकों को ठीक करने में भी उपयोगी हो सकता है।

क्रोहन की बीमारी, सिस्टिक फाइब्रोसिस या पाचन तंत्र के भीतर पित्त रस का स्राव करने के लिए लीवर की कमी को विटामिन ई से ठीक किया जा सकता है।

बादाम से प्राकृतिक रूप से विटामिन ई प्राप्त होता है। बादाम का दूध, बादाम का तेल या बिना पके बादाम का सेवन करने से हम विटामिन ई प्राप्त कर सकते हैं।

विटामिन ई के सबसे मजबूत स्रोतों में से एक सूरजमुखी के बीज हैं। सूरजमुखी के बीज विटामिन ई से भरपूर होते हैं।

1/4 कप सूरजमुखी के बीज विटामिन ई की दैनिक आवश्यकता का लगभग 90.5% प्रदान करते हैं। कद्दू और तिल के कच्चे बीजों से भी विटामिन ई प्राप्त किया जा सकता है।

विटामिन 'ई' भी सेहत के लिए काफी मददगार हो सकता है। ब्रोकली हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में भी काफी कारगर साबित हो सकती है।

यह स्वास्थ्यवर्धक होता है, जिससे हमें अनेक लाभ मिलते हैं। विटामिन ई के अलावा, विभिन्न प्रकार के विटामिन होते हैं